Tuesday, January 28, 2020

हैप्पी मदर्स डे

Hypocrisy कभी भायी नहीं, सो हमने कभी अपनाई नहीं....

Happy happy वाले Mother's Day पे हमने भी अपनी माय (माँ )को सवेरे सवेरे लम्बा फोन मार डाला| खुश हो गई वो भी; बेचारी को तो occasion भी नहीं पता था| सच पूछो तो, ऐसे 'डे' हम जैसे नालायको के लिए एक अपॉर्चुनिटी बनकर आती है, जो पेट पालने के नाम पर अपने घरों से दूर रहते हैं| पर अंदर झांक कर देखो ,सारी सच्चाई सामने आ जाएगी| छुट्टियों के pool में मां-बाप के दिनों के कोटे का ऑप्टिमाइजेशन जो हम सब करते हैं ना, उसी भागीरथी प्रयास के लिए दिल कम, दिमाग से ज्यादा -
"हैप्पी मदर्स डे"

बचपन में कितना सोचते थे कि माँ , तेरे लिए यह करूँगा, माँ तेरे लिए वो करूँगा| उम्र बढ़ती गई, ख्वाहिशें छोटी होती गई| मिलने की तमन्नाओं को पहले तो सस्ते फोन कॉल ने  रौंदा और वीडियो कॉल की सुविधा ने इसे बुरी तरह से कुचल डाला| बच्चों के लिए तो दादी मोबाइल के छोटे स्क्रीन के अंदर समाई हुई है| कैसे बताऊं उन्हें, कि सारा कुछ बेड पर पड़ी इस बूढ़ी काया के कारण है|कैसे बताऊं उन्हें कि तुम्हारी इस illiterate दादी ने तुम्हारे बाप-चाचाओं को परिवार चलाने के काबिल बनाया; इस लायक बनाया कि तुम्हारे सारे अनाप-शनाप डिमांड पूरे होते जाते हैं|

और यह सिर्फ मेरी माँ  की ही कहानी नहीं , दुनिया भर की सारी माँओ   के लिए एप्लीकेबल है| IIM वालो को अपने curriculum मे 'Scarce resource mangement and its optimum utilisation for favorable outcomes to qualitatively change the life' शामिल करना चाहिए और प्रबंधन की मोटी मोटी पुस्तकों की जगह पर मेरे माँ के संघर्ष की कहानी सुनानी चाहिए| नौकरी  और किताबें लिखने से बाबूजी को कभी फुर्सत ही नहीं मिली| हम पांच भाई बहनों की पढ़ाई-लिखाई, सारे लोक व्यवहार और हमारी उम्र से बड़ी भूख- इन सब का जिम्मा माँ ने ही ले रखा था| And she is successfull indeed! - यह मैं नहीं, बाकी सारे दुनिया वाले कहते हैं|

समय बदलता गया और हम सब बड़े हो गए| और इस बीच में किसी ने ध्यान ही नहीं दिया कि, swiftly  एक कुशल प्रशासक एक शानदार डिप्लोमेट में तब्दील हो गया है| बिना किसी कंट्रोवर्सी में फंसे, पाँच अलग-अलग रहने वाले परिवारों को एकजुटता में कैसे बांधा जाता है और अपनी बात मनवाई जाती है- लोगों आओ, मेरी मां से तो सीखो! सबको लगता है कि वह स्वतंत्र है, लेकिन डोरी तो किसी और के हाथ में ही है| और सच बताऊँ, हम सबको यूँ  ही डोरी से बंधे रहना बहुत अच्छा लगता है, माँ |

# Happy Mother's Day

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