Monday, May 28, 2007

अकेलापन

अकेलेपन से बढकर खुशी / और अकेलेपन से बढकर व्यथा /
कुछ भी नही है....................... ।

फ़र्क बस इतना है /
कि -
खुशी सबको दिख जाती है
और
गम लोग छुपा ले जाते है...........।